उज्जैन बड़ा पुल हादसा, नए CCTV से बढ़ा सस्पेंस: फुटेज में दिखे टीआई, अब भी साफ नहीं कि ड्राइविंग सीट पर कौन था!

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:

उज्जैन के बड़ा पुल हादसे में तीन पुलिसकर्मियों की मौत के बाद जांच लगातार आगे बढ़ रही है। इस बीच घटना से कुछ मिनट पहले के दो नए सीसीटीवी फुटेज सामने आए हैं, जिन्होंने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि फुटेज में साफ तौर पर यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि कार चला कौन रहा था।

पहला वीडियो शनिवार रात 8:49 बजे का है। इसमें उन्हेल थाना प्रभारी अशोक शर्मा अपने घर (पिपलीनाका चौराहा स्थित निवास) से बाहर निकलते हैं। फुटेज में वह पहले से खड़ी सफेद रंग की कार की ड्राइविंग सीट की ओर बढ़ते नजर आते हैं। कुछ सेकंड बाद कार वहां से रवाना हो जाती है। हालांकि, सीसीटीवी पर सामने से आती गाड़ियों की तेज रोशनी और कैमरे की एंगलिंग के कारण यह साफ नहीं हो सका कि अशोक शर्मा कार की ड्राइवर सीट पर बैठे थे या पीछे की सीट पर।

दूसरा वीडियो अशोक शर्मा के घर से करीब 50-60 मीटर दूर पिपलीनाका मेन रोड का है। यह घटना से लगभग 3-4 मिनट पहले का बताया जा रहा है। वीडियो में रात 8:50 बजे सफेद रंग की कार बड़ा पुल की ओर जाती दिखाई देती है। उस समय गाड़ी की स्पीड लगभग 25 किमी/घंटा थी। इसके बाद कार ने करीब 1.7 किमी का सफर तय किया और रात 8:53 बजे बड़ा पुल पर पहुंची। इसी दौरान आगे जा रहे वाहन को क्रॉस करने की कोशिश में कार अनियंत्रित होकर शिप्रा नदी में गिर गई।

हालाँकि नए सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद भी यह रहस्य बना हुआ है कि हादसे के वक्त कार कौन चला रहा था। फुटेज में थाना प्रभारी का ड्राइवर सीट की ओर जाना जरूर दिखाई देता है, लेकिन तकनीकी सीमाओं के कारण स्पष्ट तस्वीर सामने नहीं आ सकी है। फिलहाल पुलिस और फॉरेंसिक टीम मामले की बारीकी से जांच कर रही है।

वहीं, प्रारंभिक जांच में हादसे के पीछे पुल पर अंधेरा होना और सुरक्षा रेलिंग न होना प्रमुख कारण सामने आए हैं। खास बात यह है कि घटना से कुछ घंटे पहले ही जीवाजीगंज थाना प्रभारी विवेक कनोडिया ने तहसीलदार रुपाली जैन को वॉट्सऐप मैसेज भेजकर पुल पर बैरिकेडिंग और लाइटिंग की मांग की थी। गणेश विसर्जन और तेज बहाव को देखते हुए सुरक्षा इंतजाम जरूरी बताए गए थे, लेकिन व्यवस्थाएं समय पर नहीं की गईं। लेकिन अब हादसे के बाद नगर निगम आयुक्त अभिलाष मिश्रा ने कहा है कि इस तरह की दुर्घटनाओं को रोकने के लिए शहर के सभी ब्रिजों पर लाइटिंग और सुरक्षा बैरिकेडिंग की व्यवस्था की जाएगी। ट्रैफिक पुलिस के साथ समन्वय कर नए गाइडलाइन के अनुसार सुरक्षा इंतजाम किए जाएंगे।

बता दें, हादसे में उन्हेल थाना प्रभारी अशोक शर्मा, एसआई मदनलाल निनामा और महिला कॉन्स्टेबल आरती पाल की मौत हो गई। रेस्क्यू ऑपरेशन 68 घंटे तक चला, जिसमें बड़ी मुश्किल से कार और शवों को बाहर निकाला जा सका। अशोक शर्मा और मदनलाल निनामा के शव घटना के बाद अलग-अलग जगहों पर मिले, जबकि कॉन्स्टेबल आरती पाल की बॉडी मंगलवार को कार के साथ नदी से बाहर निकाली गई।

बुधवार को महिला आरक्षक आरती पाल का अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान श्मशान घाट पर मौजूद महिला सहकर्मी और पुलिस स्टाफ फूट-फूट कर रो पड़े। आरती को परिवार की जिम्मेदार बेटी बताया गया, जिसने अब तक शादी भी नहीं की थी और घर-परिवार की जिम्मेदारियों को प्राथमिकता देती थी।

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